नयी दिल्ली 06 जनवरी उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को असम सरकार से यह सुनिश्चित करने को कहा कि राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) के कोऑर्डिनेटर हितेश देव शर्मा अपने कुछ आपत्तिजनक फेसबुक पोस्ट वापस लें।
मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने असम सरकार से कहा कि वह नवनियुक्त कोऑर्डिनेटर के आपत्तिजनक पोस्ट के संबंध में तहकीकात करे और यह सुनिश्चित करे कि ये पोस्ट वापस लिये जाएं।
इस बीच केंद्र सरकार ने शीर्ष अदालत को आश्वस्त किया कि असम के एनआरसी में जिन लोगों का नाम शामिल किया गया है, लेकिन उनके बच्चों का उनमें नाम नहीं है, उन्हें फिलहाल उनसे अलग नहीं किया जाएगा।
एटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने शीर्ष अदालत से यह वादा किया।
एक गैर सरकारी संगठन की तरफ से दायर आवेदन में यह शिकायत की गई है कि डिटेंशन सेंटर में 60 बच्चों को इसलिए रखा गया है क्योंकि उनकी नागरिकता पर फैसला होना बाकी था।
श्री शर्मा ने असम में रह रहे बांग्लादेशी मुसलमानों के बारे में पोस्ट किया है जिसकी कड़ी आलोचना हो रही है।
असम एनआरसी कोऑर्डिनेटर आपत्तिजनक पोस्ट हटाएं : सुप्रीम कोर्ट