मुंबई 02 जनवरी (वार्ता) नये ऑर्डरों में पाँच महीने की सबसे बड़ी तेजी और कंपनियों द्वारा उत्पादन तथा भर्ती बढ़ाने से देश के विनिर्माण क्षेत्र ने गत दिसंबर में एक बार फिर रफ्तार पकड़ी और इसका आईएचएस मार्किट खरीद प्रबंधक सूचकांक (पीएमआई) नवंबर 2019 के 51.2 से बढ़कर 52.7 पर पहुँच गया।
सूचकांक का 50 से ऊपर रहना वृद्धि और इससे कम रहना गिरावट को दर्शाता है जबकि 50 का स्तर स्थिरता का द्योतक है।
आईएचएस मार्किट द्वारा आज यहाँ जारी रिपोर्ट के अनुसार, दिसंबर में नये ऑर्डरों में जुलाई के बाद की सबसे बड़ी तेजी दर्ज की गयी। कंपनियों ने बताया कि विपणन की सफलता, नये उत्पादों का आकर्षण और बेहतर माँग नये ऑर्डर बढ़ने के कारक रहे हैं। विदेशों से भी माँग मजबूत रही। निर्यात के ऑर्डर दिसंबर 2019 में लगातार 26वें महीने बढ़े हैं।
आईएचएस मार्किट की मुख्य अर्थशास्त्री पॉलियाना डी लीमा ने आँकड़ों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये कहा कि माँग में सुधार से विनिर्माताओं को लाभ हुआ है। उन्होंने उत्पादन मई के बाद सबसे तेज रफ्तार से बढ़ाया। कंपनियों ने कच्चे माल की खरीद और भर्ती भी बढ़ा दी। हालाँकि कारोबारी विश्वास तीन साल के निचले स्तर पर रहा जो चिंता का कारण हो सकता है।”
नवंबर में छँटनी के बाद दिसंबर में विनिर्माण कंपनियों ने एक बार फिर नयी नौकरी दी है और रोजगार सृजन की रफ्तार 10 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुँच गयी।
दिसंबर में विनिर्माण क्षेत्र ने पकड़ी रफ्तार