कोई मुख्यमंत्री संविधान से परे नहीं, ममता भी नहीं: धनखड़

नयी दिल्ली, 05 जनवरी (वार्ता) पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा है कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) अब संविधान का हिस्सा है और संवैधानिक पद पर बैठा कोई व्यक्ति इसका विरोध नहीं कर सकता, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी नहीं।
श्री धनखड़ ने लोकसभा टीवी के खास कार्यक्रम संवाद में कहा कि नागरिकता संशोधन विधेयक को संसद के दोनों सदनों ने पारित किया है और राष्ट्रपति की संस्तुति के बाद यह कानून लागू हो गया है। उन्होंने कहा, “यह कानून पूरे देश के लिए है, इसलिए भारतीय संविधान की शपथ लेने वाला कोई भी मुख्यमंत्री यह नहीं कह सकता कि वह कानून को लागू नहीं करेगा, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी नहीं।”
उन्होंने कहा कि अगर किसी ने संविधान की शपथ ली है तो वह यह नहीं कह सकता कि सीएए को चुनौती दी जाएगी। यह बात सुश्री बनर्जी भी जानती हैं। संवैधानिक पद पर बैठा व्यक्ति कानून का विरोध नहीं कर सकता।
श्री धनखड़ ने कहा, “मैं मानता हूं कि राजनीतिक मतभेद हो सकते हैं, लेकिन यदि संवैधानिक ढंग से कोई कानून बना तो उसे लागू न करने की बात करना संविधान का ही एक तरह से अपमान है। नागरिकता संशोधन कानून संविधान का हिस्सा है इसलिए राज्य सरकारें इससे अलग नहीं हैं। मुख्यमंत्री (सुश्री बनर्जी) को भी संविधान के अधीन बने कानून का पालन करना ही होगा क्योंकि वह संविधान से परे नहीं हैं।