पाकिस्तान सरकार जनरल बाजवा सेवा विस्तार मामले में सुप्रीम कोर्ट पहुंची

इस्लामाबाद,02 जनवरी (वार्ता) पाकिस्तान सरकार ने सेना अध्यक्ष जनरल कमर जावेद बाजवा को सेवा विस्तार के मामले में गुरुवार को याचिका दाखिल करके उच्चतम न्यायालय से 28 नवंबर के उसके फैसले पर स्थगन आदेश का आग्रह किया है।
पाकिस्तान सरकार ने अपनी याचिका में उच्चतम न्यायालय से आग्रह किया है कि 'न्याय के हित' में वह 28 नवंबर 2019 के अपने फैसले पर रोक लगाने संबंधी आदेश जारी करे। इस हाई प्रोफाइल केस में सरकार की तरफ से दूसरी बार ऐसी याचिका दायर की गई है।
याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने अपना निर्णय देते समय कई अहम सांविधानिक एवं कानूनी बिंदुओं का संज्ञान नहीं लिया है। साथ ही यह भी दलील है कि सेना प्रमुख के सेवा विस्तार मामले पर विचार करते समय शीर्ष अदालत ने जजों का कार्यकाल बढ़ाए जाने से जुड़े अपने ही फैसले को आधार नहीं बनाया है।
गौरतलब है कि पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश आसिफ सईद खोसा की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने 28 नवंबर को जनरल बाजवा को छह महीने का सेवा विस्तार दिया था। यह विस्तार इस शर्त के साथ दिया गया था कि सरकार छह माह की अवधि में सेना प्रमुख को सेवा विस्तार या पुनर्नियुक्ति देने के लिए संसद में एक कानून पारित कराएगी।
यह फैसला उस समय दिया गया था, जब जनरल बाजवा 28 नवंबर की आधी रात को ही सेवानिवृत्त होने वाले थे। इससे पहले पाकिस्तान सरकार ने अगस्त में जनरल बाजवा को अगले तीन साल के लिए सेवा विस्तार दे दिया था, जिसे 26 नवंबर को उच्चतम न्यायालय ने खारिज कर दिया था।
आज दायर की गई याचिका में कहा गया है,“ जब तक इस सिविल पुनरीक्षण याचिका के बारे में कोई अंतिम फैसला नहीं आ जाता, तब तक उच्चतम न्यायालय को अपने फैसले पर रोक लगानी चाहिए। अगर इस पर कोई रोक नहीं लगाई जाती तो याचिकाकर्ताओं को गंभीर नुकसान होगा और मुख्य न्यायाधीश को पुनरीक्षण याचिका पर सुनवाई के लिए पांच न्यायधीशों की एक पीठ का गठन करना चाहिए।
इससे पहली याचिका में सरकार ने उच्चतम न्यायालय ने पूरी कार्यवाही कैमरे के सामन कराए जाने का आग्रह किया था।
इसमें कहा गया था कि उच्चतम न्यायालय ने अपने फैसले में 'अहम संवैधानिक और कानूनी' बिंदुओं को शामिल नहीं किया था और उच्चतम न्यायालय अतिरिक्त तथा तदर्थ न्यायधीशों को स्वयं ही सेवा विस्तार दे रहा है और यह इस मामले में सरकार अपने विवेकाधिकार का इस्तेमाल कर सकती है।
गौरतलब है कि कल संघीय मंत्रिमंडल की आपातकालीन बैठक में सेना कानून में संशोधन को मंजूरी दी गई थी जिसमें कहा गया है कि सभी सेना प्रमुखों के कार्यकाल में विस्तार की शक्ति प्रधानमंत्री के पास होगी। इस संबंध में संशोधन के लिए राष्ट्रीय असेम्बली में शुक्रवार को एक विधेयक पेश किया जाएगा।
उच्चतम न्यायालय ने 28 नवंबर को अपने एक संक्षिप्त फैसले में संघीय सरकार को सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा को छह माह का सेवा विस्तार करने की अनुमति दी थी और 16 दिसंबर को सेवा विस्तार मामले में विस्तृत फैसला सुनाया था