रामसेतु मामले में तीन माह बाद न्यायालय के समक्ष आयें स्वामी: सुप्रीम कोर्ट


नयी दिल्ली, 23 जनवरी (वार्ता)। उच्चतम न्यायालय ने रामसेतु को प्राचीन ऐतिहासिक स्मारक घोषित करने संबंधी याचिका पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद सुब्रमण्यम स्वामी को तीन माह बाद फिर से उसके समक्ष मामला उठाने को कहा है।
श्री स्वामी ने गुरुवार को मुख्य न्यायाधीश शरद अरविंद बोबडे की अध्यक्षता वाली खंडपीठ के समक्ष मामले का विशेष उल्लेख किया तथा इसकी त्वरित सुनवाई का अनुरोध किया। इसके बाद शीर्ष अदालत ने केंद्र सरकार से हलफनामा दायर कर अपना रुख स्पष्ट करने को कहा तथा श्री स्वामी को तीन महीने बाद अपील करने को कहा।
उन्होंने न्यायालय को अवगत कराया कि रामसेतु को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने के मामले में केंद्र सरकार ने अभी तक जवाब नहीं दिया है। उनका कहना था कि न्यायालय ने इस मामले में केन्द्र सरकार को नोटिस जारी किया है, लेकिन सालों बाद भी सरकार ने अभी तक जवाब नहीं दिया है।
श्री स्वामी ने अपनी याचिका में कहा है कि रामसेतु लाखों हिन्दुओं की आस्था से जुड़ा है। इसे न तोड़ा जाए और रामसेतु को राष्ट्रीय धरोहर घोषित किया जाए।
गौरतलब है कि वर्ष 2008 में तत्कालीन संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार ने इस मामले में हलफनामा दाखिल कर सेतुसमुद्रम परियोजना के लिए रामसेतु को तोड़कर वर्तमान मार्ग से ही लागू किये जाने पर जोर देते हुए कहा था कि भगवान राम के अस्तित्व में होने के बारे में कोई पुख्ता साक्ष्य उपलब्ध नहीं हैं। उसने यह भी कहा था कि रामायण महज कल्पित कथा है। संप्रग सरकार के इस हलफनामे पर काफी हंगामा हुआ था जिसके बाद आनन-फानन में सरकार ने अपना वह हलफनामा कोर्ट से वापस ले लिया था।