नयी दिल्ली, भारत ने चीन के उस तर्क को आज खारिज कर दिया कि भारतीय विमान की तीसरी उड़ान को वुहान जाने की अनुमति दिये जाने में कोई विलंब नहीं हुआ।
सरकार के सूत्रों ने कहा कि वुहान के लिए राहत एवं चिकित्सा सामग्री ले जाने और वहां फंसे भारतीय यात्रियों काे वापस लाने के वास्ते विमान काे आने देने का अनुरोध 13 फरवरी को किया गया था। पन्द्रह फरवरी को फ्लाइट प्लान भी चीन सरकार को भेज दिया गया था। उड़ान की तिथि 20 फरवरी प्रस्तावित थी। इसके लिए पांच दिन का नोटिस दिया गया। इसलिए ऐसा प्रतीत होता है कि उड़ान की अनुमति देने में जानबूझ कर विलंब किया गया है।
सूत्रों ने कहा कि इस बीच वुहान से 16 फरवरी को जापान, 19 फरवरी को यूक्रेन तथा 20 फरवरी को फ्रांस के विमान को उड़ान भरने की अनुमति दी गयी। अगर इन विमानों को रोकने या विलंबित करने के लिए स्थिति जटिल नहीं थी तो फिर अचानक भारतीय विमान की उड़ान के लिए कैसे जटिल हो गयी।
सूत्रों के अनुसार भारतीय नागरिक वुहान से लौटने के लिए प्रतीक्षारत हैं। अनिश्चितता से उन्हें अवसाद एवं मानसिक तनाव हो रहा है। चीन को चिकित्सा एवं राहत सामग्री वाले इस विमान को उड़ान भरने की अनुमति देनी चाहिए जिससे इसी विमान से भारतीय नागरिकों को स्वदेश लाया जा सके।
इससे पहले सरकार के गलियारों में चीन के प्रति नाराजगी की खबरों के बाद भारत में चीन के दूतावास ने तत्काल प्रतिक्रिया व्यक्त की। चीनी दूतावास की प्रवक्ता काउंसलर जी रोंग ने कहा कि चीन अपने यहां रह रहे भारतीय नागरिकों की सेहत एवं सुरक्षा को सदैव ही बहुत महत्व देता है और उसने भारतीय नागरिकों की वापसी के लिए सहूलियत एवं सहायता प्रदान की है।
चीनी प्रवक्ता ने कहा कि हूबे प्रांत में महामारी के कारण मौजूदा हालात बेहद जटिल हैं और कोरोना विषाणु की रोकथाम एवं नियंत्रण के प्रयास बेहद नाजुक स्थिति में पहुंच गये हैं। हम बहुत सावधानी पूर्वक ज़मीनी हालात का आकलन कर रहे हैं। दोनों देशों के सक्षम विभाग इस संबंध में संपर्क एवं समन्वय बनाये हुए हैं। ऐसा कुछ नहीं है कि चीन उड़ान की अनुमति नहीं दे रहा है।
भारत ने सुबह इस बात पर रोष जताया था कि वुहान में कोरोना विषाणु की महामारी से निपटने के लिए चिकित्सा एवं राहत सामग्री वाले विमान को दो दिन के इंतजार के बाद भी चीन सरकार की ओर से वहां आने की अनुमति नहीं मिली है। सूत्रों ने कहा था कि राहत सामग्री वाले विमान से वुहान में फंसे भारतीयों को वापस लाना है और चीन सरकार जानबूझ कर विमान आने की अनुमति नहीं दे रही है। उन्होंने कहा कि चीन सरकार ने कहा था कि विमान को अविलंब अनुमति दी जायेगी। गुरुवार को विमान रवाना होना था लेकिन दो दिन के इंतजार के बाद भी अनुमति नहीं मिली है।
भारत ने चीन के तर्क को खारिज किया