मुम्बई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मुम्बई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना की तुलना ‘‘सफेद हाथी’’ से करते हुए मंगलवार को कहा कि वह इस पर निर्णय तभी लेंगे जब उन्हें विश्वास हो जाएगा कि इससे राज्य के औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ को दिए साक्षात्कार के दूसरे हिस्से में मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य को केन्द्र कोष से उसका ‘‘सही हिस्सा’’ नहीं मिल रहा है, जिससे किसानों की मदद की जा सकती है। शिवसेना प्रमुख ने कहा कि सरकार द्वारा घोषित किसान कर्ज माफी की योजना अगले महीने से लागू होगी। उन्होंने साथ ही आश्वासन दिया कि एक भी उद्योग राज्य से बाहर नहीं जाने दिया जाएगा। केन्द्र की महत्वाकांक्षी बुलेट ट्रेन परियोजना का जिक्र करते हुए ठाकरे ने कहा कि इसकी व्यवहार्यता पर एक व्यापक चर्चा होनी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘ बुलेट ट्रेन से किसको फायदा होगा? महाराष्ट्र में व्यापार एवं उद्योग को इससे कैसे फायदा मिलेगा? अगर यह लाभदायक है, मुझे इसका विश्वास दिलाएं और फिर लोगों के समक्ष जाएं और निर्णय लें कि क्या करना है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ बुलेट ट्रेन भले ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की महत्वाकांक्षी परियोजना हो सकती है लेकिन जब आप नींद से जागते हैं तो पता चलता है कि यह कोई सपना नहीं है। आपको हकीकत का सामना करना होता है।’’
‘सामना’ के कार्यकारी संपादक संजय राउत को दिए साक्षात्कार में ठाकरे ने कहा कि राज्य की आर्थिक स्थिति देखते हुए विकासात्मक परियोजनाओं की प्राथमिकता तय की जानी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘हमें देखना होता है कि जरूरी क्या है, बस केवल इस आधार पर कुछ भी नहीं किया जा सकता कि हमें शून्य ब्याज या कम ब्याज पर ऋण मिल रहा है। बिना किसी कारण किसानों की जमीन लेना सही नहीं है।’’ गौरतलब है कि नरेन्द्र मोदी सरकार ने बुलेट ट्रेन परियोजना को पूरा करने के लिए भारत के 75वें स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त, 2022 की समय सीमा तय की है।