अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर केंद्र की मोदी सरकार ने राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की घोषणा लोकसभा में कर दी है। वहीं योगी आदित्यनाथ सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के अनुसार मस्जिद के लिए 5 एकड़ जमीन तय कर दी है। इन सब के बीच बाबरी एक्शन कमेटी जल्द ही मस्जिद के अवशेष की मांग को लेकर कोर्ट में अपील करने की तैयारी में है। बाबरी मस्जिद एक्शन कमिटी के सूत्रों का कहना है कि राम मंदिर निर्माण से पहले जो बाबरी मस्जिद का मलबा है उसे उन्हें दिया जाए। बाबरी मस्जिद एक्शन कमिटी इसी बाबत अगले हफ़्ते एक मीटिंग करेगी। बाबरी मस्जिद एक्शन कमिटी की तरफ से वरिष्ठ वकील राजीव धवन सुप्रीम कोर्ट में उनका पक्ष रखेंगे। बता दें कि बाबरी मस्जिद कमेटी के संयोजक और वकील जिलानी ने शरियत का हवाला देते हुए कहा की मस्जिद की सामग्री किसी दूसरी मस्जिद या भवन में नहीं लगाई जा सकती और न ही इसका अनादर किया जा सकता है। बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के संयोजक जफरयाब जिलानी का कहना है कि कमेटी इसे लेकर निर्णय ले चुकी है और अब बस मामले में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की राय लिए जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश है कि मंदिर निर्माण से पहले ही हम वहां से मलबा हटवा लें।
जानिए मुस्लिम पक्ष क्यों लेना चाहता है बाबरी मस्जिद का मलबा? SC में दाखिल होगी याचिका