नयी दिल्ली केंद्र सरकार ने कृषि, बागवानी, पशुपालन, दुग्ध, खाद्य प्रसंस्करण, फूलों की खेती और जल शेड विकास जैसे सभी प्रमुख क्षेत्रों को कृषि निर्यात नीति में शामिल करने पर जोर देते हुए सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को इसके लिए बजट का प्रावधान करने को कहा है।
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि कृषि देश के विकास लक्ष्यों के केन्द्र में है और निर्यात कृषि क्षेत्र में सुधार की कुंजी है। कृषि निर्यात नीति को सही दिशा देने तथा क्लस्टरों के विकास के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को बुनियादी ढ़ांचा सशक्त बनाने लिए कहा गया है।
सूत्रों के अनुसार नयी विदेश व्यापार नीति में कृषि उत्पाद महत्वपूर्ण तत्व है और यह राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों के लिए एक व्यापक योजना तैयार करने का बेहतरीन अवसर है। इसमें कृषि, बागवानी, पशुपालन, दुग्ध, खाद्य प्रसंस्करण, फूलों की खेती और जल शेड विकास जैसे सभी क्षेत्रों में कृषि निर्यात नीति में शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि निर्यात नीति काे परिणामोन्मुखी होना चाहिए और सभी राज्यों और संघ शासित प्रदेशों को इसके लिए एक बसूत्रों ने बताया कि निर्यात नीति को सफल बनाने के लिए कृषि के सभी क्षेत्रों में सर्वोत्तम कृषि संबंधी प्रक्रियाओं का पालन किया जा रहा है और कृषि उत्पादों की गुणवत्ता बनायें रखने के प्रयास हाे रहे हैं। राज्यों को न केवल कृषि उपज के उत्पादन पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए बल्कि गुणवत्ता के बारे में भी बेहद सावधानी बरतनी चाहिए।
कृषि निर्यात नीति में विभिन्न क्षेत्रों पर एक समान ध्यान दिया जा रहा है और राज्य तथा जिला स्तर पर प्रत्येक मंत्रालय की योजनाओं को लागू करने के प्रयास किये जा रहे है। कृषि निर्यात नीति के कार्यान्वयन और जिलों में कृषि समूहों के विकास के लिए राज्यों का सहयाेग मिल रहा है। इससे वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने तथा कृषि निर्यात 60 अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य हासिल करने में मदद मिलेगी।
सूत्रों के अनुसार कृषि निर्यात को बढ़ावा देने के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को राज्य कृषि निर्यात कार्ययोजना, राज्य स्तरीय निर्यात निगरानी समिति की स्थापना, कृषि निर्यात के लिए एक नोडल एजेंसी नामित करना, कृषि समूहों की पहचान करना, जिला कृषि निर्यात कार्य योजना स्थापित करना, किसान उत्पादक संगठन को बढ़ावा देना और सहकारी समितियों के लिए बुनियादी ढाँचे और लॉजिस्टिक सेवाओं की कमी की पहचान करनी होगी। करीब 15 राज्यों ने कृषि निर्यात नीति के सफल कार्यान्वयन के लिए नोडल एजेंसी, नोडल अधिकारी,राज्य स्तर की निगरानी समिति और क्लस्टर सुविधा प्रकोष्ठ बनाए हैं।जट का प्रावधान करना होगा।
कृषि निर्यात के लिए राज्यों में होगा अलग बजट