नयी दिल्ली उच्चतम न्यायालय ने उपहार सिनेमा अग्निकांड में लापरवाही के दोषी देश के जानेमाने बिल्डर अंसल बंधुओं को बड़ी राहत प्रदान करते हुए अग्निकांड पीड़ित एसोसियेशन की क्यूरेटिव याचिकाखरीज कर दी है। अब सुशील अंसल और गोपाल अंसल को जेल नहीं जाना पड़ेगा।
मुख्य न्यायाधीश शरद अरविंद बोबडे, न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की खंडपीठ ने पीड़ितों की ओर से दाखिल क्यूरेटिव याचिकाओं को खारिज कर दिया। साथ ही खुली अदालत की सुनवाई की पीड़ितो की मांग भी खारिज कर दी है।
खंडपीठ ने ‘इन चैंबर’ सुनवाई करते हुए क्यूरेटिव याचिकाएं खारिज की। न्यायालय ने अपने फैसले में कहा है कि क्यूरेटिव याचिका में कोई आधार नही बताया गया है।
न्यायालय ने सुशील अंसल और गोपाल अंसल पर 60 करोड़ रुपये जुर्माना भरने को कहा था। जुर्माने की राशि भरने के बाद दोनों भाई जेल नही जाएंगे।
सुशील अंसल पांच महीने 20 दिन और गोपाल अंसल चार महीने 22 दिन की जेल काट चुके हैं। कोर्ट के इस फैसले पर उपहार अग्निकांड पीडि़तों ने गहरी निराशा जताई है।
न्यायालय ने कहा था कि अब तीस-तीस करोड़ जुर्माना भरने पर उनकी जेल की सजा अब तक काटी जा चुकी जेल अवधि तक पर्याप्त मान ली जाएगी। हालांकि न्यायालय ने यह भी कहा था कि अगर निश्चित समय में अंसल बंधु जुर्माने की यह रकम अदा नहीं करते हैं तो उन्हें सुनाई गई एक-एक साल के कारावास की सजा कायम रहेगी।
गौरतलब है कि तीन जून, 1997 को बार्डर फिल्म के प्रदर्शन के दौरान दक्षिण दिल्ली स्थित उपहार सिनेमाघर में आग लग गई थी। इस अग्निकांड में 59 लोगों की मौत हो गई थी और 100 से ज्यादा लोग घायल हुए थे।