वधावन में नया बड़ा बंदरगाह बनाने को मंत्रिमंडल की मंजूरी

नयी दिल्ली, 05 फरवरी (वार्ता)। केंद्र सरकार ने महाराष्ट्र के वधावन में एक नये प्रमुख बंदरगाह की स्थापना को बुधवार को सैद्धांतिक मंजूरी प्रदान कर दी। पोत परिवहन मंत्री मनसुख लाल मांडवीय ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस नये प्रमुख बंदरगाह के निर्माण को सैद्धांतिक मंजूरी दी गयी। इस बंदरगाह के निर्माण पर 65 हजार 544.54 करोड़ रुपये की लागत आने की संभावना है।



उन्होंने कहा कि इस वृहद बंदरगाह को ‘भू-स्वामित्व मॉडल’ के तहत विकसित किया जाएगा और इसके निर्माण की परियोजना में 50 फीसदी या इससे अधिक भागीदारी देश के प्रमुख जवाहर लाल नेहरू बंदरगाह-जेएनपीटी की होगी। इस बंदरगाह के निर्माण से दुनिया में कंटेनर सेवा देने वाले देशों में भारत 10 शीर्ष देशों में शामिल हो जाएगा। जेएनपीटी का विश्व में इस क्रम में 28वां स्थान है।



केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जेएनपीटी देश का सबसे बड़ा बंदरगाह है तथा इसकी यातायात क्षमता 5.1 मिलियन टीईयू है जिसके 2023 तक 10 मिलियन टीईयू होने का अनुमान है। यह क्षमता हासिल करने के बाद जेएनपीटी विश्व में 17वां सबसे बड़ा कंटेनर बंदरगाह बन जाएगा। जेएनपीटी महाराष्ट्र, उत्तर कर्नाटक, तेलंगाना, गुजरात, मध्य प्रदेश, राजस्थान, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, पंजाब और उत्तर प्रदेश की जरूरतों को पूरा करता है।



उन्होंने कहा कि जेएनपीटी तथा मुंद्रा बंदरगाह देश के दो सबसे बड़े कंटेनर रखरखाव (केवल मध्यम आकार के कंटेनर जहाजों के लिए) करने वाले बंदरगाह हैं। इनकी ड्राफ्ट क्रमशः 15 एम और 16 एम है, जबकि दुनिया के सबसे बड़े कंटेनर रखरखाव करने वाले आधुनिक डीप ड्राफ्ट बंदरगाह के लिए 18 एम से 20 एम के ड्राफ्ट की जरूरत है। तट के निकट वधावन बंदरगाह में प्राकृतिक ड्राफ्ट लगभग 20 मीटर है, जिससे इस बंदरगाह पर बड़े जहाजों के रखरखाव किया जा सके।