मुजीब ने बांग्लादेश को एक सकारात्मक और प्रगतिशील समाज की ओर मोड़ा: PM मोदी


नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि भारत और बांग्लादेश ने आपसी संबंधों का एक सुनहरा अध्याय लिखा है और दोनों देशों के बीच बढ़ते विश्वास के कारण उनकी साझेदारी को नया आयाम और दिशा मिली है। शेख मुजीब-उर-रहमान की जन्मशती के मौके पर मोदी ने वीडियो संदेश में कहा कि बंगबंधु ने अपने जीवन का हर पल बांग्लादेश को तबाही और नरसंहार के दौर से बाहर निकालने के लिए समर्पित कर दिया। प्रधानमंत्री ने परोक्ष रूप से पाकिस्तान का जिक्र करते हुए कहा कि हम सभी इस बात के साक्षी हैं कि किस तरह आतंकवाद और हिंसा को राजनीति और कूटनीति का हथियार बनाकर एक समाज और राष्ट्र का विनाश किया गया। दुनिया यह भी देख रही है कि वर्तमान में आतंक और हिंसा के समर्थक कहां हैं और उनकी क्या हालत है, वहीं बांग्लादेश नई ऊंचाइयों को छू रहा है।


उन्होंने कहा कि बंगबंधु के नाम से मशहूर मुजीब-उर-रहमान 21वीं सदी की दुनिया को महान संदेश देते हैं। मोदी ने उस समय के पूर्वी पाकिस्तान में पाकिस्तानी सेना की भूमिका की ओर इशारा करते हुए कहा कि हम सभी अच्छी तरह जानते हैं, एक दमनकारी और क्रूर शासन ने कैसे सभी लोकतांत्रिक मूल्यों को नकारते हुए, बांग्ला भूमि के साथ अन्याय किया और उसके लोगों को तबाह कर दिया। उन्होंने कहा कि मुजीब ने बांग्लादेश को एक सकारात्मक और प्रगतिशील समाज की ओर मोड़ दिया। वे इस बात को लेकर स्पष्ट थे कि नफरत और नकारात्मकता कभी भी किसी भी देश के विकास की नींव नहीं हो सकती।


मोदी ने कहा कि बंगबंधु से प्रेरित होकर बांग्लादेश शेख हसीना के नेतृत्व में समावेशी और विकास उन्मुख नीतियों के साथ आगे बढ़ रहा है। “और यह वास्तव में सराहनीय है।” चाहे वह अर्थव्यवस्था हो, अन्य सामाजिक सूचकांक हों या खेल हों, आज बांग्लादेश नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि बांग्लादेश ने कौशल, शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला सशक्तिकरण जैसे कई क्षेत्रों में अभूतपूर्व प्रगति की है। मोदी ने कहा कि मुझे इस बात की भी खुशी है कि बीते पांच वर्षों में भारत और बांग्लादेश ने आपसी रिश्तों का भी सुनहरा अध्याय गढ़ा है। अपनी साझेदारी को नयी दिशा और नये आयाम दिये हैं। यह हम दोनों देशों में बढ़ता हुआ विश्वास है, जिसके कारण हम दशकों से चले आ रहे भूमि सीमा और समुद्री सीमा से जुड़े पेचीदा मुद्दों को शांतिपूर्ण ढंग से सुलझाने में सफल रहे हैं।