नयी दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि कोरोना वायरस प्रभावित क्षेत्रों के लिये आर्थिक पैकेज की घोषणा जितनी जल्दी संभव हो सकेगा उतनी जल्दी की जायेगी।
हालांकि, मंत्री ने पैकेज की घोषणा के बारे में कोई समयसीमा नहीं बतायी। सीतारमण ने कोरोना वायरस महामारी के कारण उत्पन्न स्थिति का जायजा लेने के लिये नागर विमानन, पशुपालन, पर्यटन और एमएसएमई मंत्रालयों के मंत्री और अधिकारियों के साथ बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत में यह बात कही।
करीब चार घंटे चली बैठक के बाद उन्होंने कहा, ‘‘मैंने पर्यटन, एमएसएमई, नागर विमानन, पशुपालन क्षेत्रों के साथ बैठक की।इन मंत्रालयों ने संबंधित पक्षों के साथ विचार-विमर्श के बाद अपने-अपने क्षेत्रों के बारे में आकलन दिये।’’ वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘वित्त सचिव और आर्थिक मामलों के सचिव की मौजूदगी में हमने विस्तार से चर्चा की। हम उनके सुझावों को देख रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि संकट से निपटने के लिये कार्य योजना तैयार करने को लेकर मंत्रालय की शनिवार को बैठक होगी। यह पूछे जाने पर कि पैकेज की घोषणा कब की जाएगी, सीतारमण ने कहा, ‘‘समय सीमा बताना मुश्किल है लेकिन यह जल्द होगी।’’
वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री ने कार्यबल की घोषणा की है, अभी उसका गठन होना बाकी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा था कि सरकार ‘कोविड-19 आर्थिक प्रतिक्रिया कार्यबल’ का गठन कर रही है। यह कार्यबल कोरोना वायरस महामारी से प्रभावित क्षेत्रों के लिये राहत पैकेज के बारे में निर्णय करेगा। उन्होंने कहा, ‘‘कार्यबल का गठन अभी नहीं हुआ है लेकिन जरूरत को देखते हुए मंत्रालय यह बैठक कर रहा है।वास्तव में जब कार्यबल का गठन हो जाएगा, उसे इन बैठकों का लाभ होगा। अन्य मंत्रालय भी अपने सुझाव भेज रहे हैं।’’
वित्तीय क्षेत्र के लिये राहत उपायों के बारे में सीतारमण ने कहा, ‘‘सेबी नियमनों की सूची लेकर आया है जो बाजार को स्थिर रखेगा। लेकिन मैं नहीं कह सकती कि मैं बाजार के लिये क्या कर रही हूं। इस समय हम कठिन हालात में हैं और हर किसी से जानकारी ले रहे हैं...।’’ बैठक के बारे में पर्यटन मंत्री प्रहलाद सिंहं पटेल ने कहा कि मंत्रालय स्थिति का आकलन कर रहा है। वित्त मंत्री कोरोना वायरस के कारण विभिन्न क्षेत्रों पर पड़े प्रभाव को लेकर चिंतित हैं। हमने कई उपायों पर चर्चा की। इसमें कर्ज पुनर्गठन शामिल है जिससे क्षेत्र को मदद मिल सकती है।पशुपालन, मत्स्य और डेयरी मंत्री गिरिराज सिंह ने बैठक के बाद कहा, ‘‘कोरोना वायरस महामारी के कारण पशुपालन उद्योग बुरी तरह प्रभावित हुआ है। हमने विभिन्न उपायों पर चर्चा की। इसमें कर्ज पुनर्गठन शामिल है। इससे क्षेत्र में कार्यरत लोगों को मदद मिल सकती है।’’देश का कुक्कुट उद्योग 1.5 लाख करोड़ रुपये का है।दस लाख से अधिक छोटे किसान सीधे तौर पर इस क्षेत्र में काम कर रहे हैं जबकि करोड़ों लोग परोक्ष रूप से इस क्षेत्र पर आश्रित हैं।’’उन्होंने कहा, ‘‘सभी मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई। वित्त मंत्री ने सकारात्मक जवाब दिया। हम सकारात्मक कदम उठाये जाने की उम्मीद कर रहे हैं।’’ नागर विमानन मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार हर समस्या का रचनात्मक तरीके सेसमाधान कर रही है।